बरेली: बरेली के नवाबगंज में मिड डे मील खाने के एक घंटे के बाद स्कूल में पढ़ने वाले सात बच्चे अचानक एक-एक कर चक्कर खाकर जमीन पर गिर गए। इसे देख स्कूली स्टाफ और बच्चों में अफरा-तफरी मच गई। मामले की जानकारी मिलते ही अभिभावक स्कूल की तरफ दौड़े। बच्चों की हालत देख सीएचसी में भर्ती कराया गया, जहां कुछ देर बाद ही बच्चों को घर भेज दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही डायल 112, हल्का लेखपाल, स्वास्थ विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। हालांकि शिक्षा विभाग से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।
नवाबगंज विकासखंड के पूर्व माध्यमिक स्कूल, ईधजागीर गांव में 117 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। शनिवार को एक बजे मिड डे मील में आलू-टमाटर की सब्जी व चावल खाने के एक घंटे के बाद बच्चे परिसर में चक्कर खाकर गिरने लगे। बच्चों ने बताया कि उन्हें गले में जकड़न की समस्या थी। उसके बाद पैर-हाथ और पेट में दर्द उठने लगा। यह देख स्टाफ और बच्चों में अफरा-तफरी मच गई।
अभिभावकों ने बच्चों को निजी अस्पताल और सीएचसी में भर्ती कराया, जहां एक घंटे के बाद बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। घटना की सूचना मिलते ही सीएचसी से स्वास्थ्य विभाग की टीम में डाॅ. विजय कुमार, फार्मासिस्ट सुभाष, हल्का लेखपाल योगेश कुमार, डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची गई, तब तक बच्चे अस्पताल के लिए निकल गए थे।
भूत-प्रेत के साए की भी रही चर्चा
ग्रामीणों के बीच भूत-प्रेत के साए की भी चर्चा रही। ग्राम प्रधान प्रेमशंकर गंगवार ने बताया कि रसोइया ने खाने में आलू-मटर और चावल बनाया था। बच्चों के खाने से पहले स्टाफ ने चखा है। यदि भोजन से दिक्कत होती तो सभी बच्चों को होती।
अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश
इंचार्य प्रधानाध्यापक सुषमा देवी ने बताया कि ग्रामीणों ने बच्चों के मन में डर बिठा दिया है। यह गलत है। मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया से एक-दूसरे को बच्चे देख गिर पड़े हैं। बाद में अस्पताल पहुंचते ही उपचार के बाद सभी सही हो गए। लोग बेवजह अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने का प्रयास कर रहे हैं।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित गंगवार ने बताया कि सीएचसी पर दो बच्चों को लाया गया था। बच्चे पेट और हाथ-पैरों में दर्द बता रहे थे। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बच्चों की हालत देखकर लग रहा था कि वह डरे और सहमे हुए हैं। स्वास्थ्य टीम मौके पर मौजूद रही।