अपने जमाने के दिग्गज धाविका पीटी उषा को शनिवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का पहला महिला अध्यक्ष चुना गया जिससे भारतीय खेल प्रशासन में नए युग की शुरुआत भी हुई. 1984 के ओलंपिक 400 मीटर बाधा दौड़ के फाइनल में चौथे स्थान पर रही, पीटी उषा ने रविवार को शीर्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, साथ ही विभिन्न पदों के लिए 14 अन्य लोगों ने भी नामांकन किया।
उषा के अध्यक्ष चुने जाने से आईओए में गुटीय राजनीति के कारण पैदा हुआ संकट भी समाप्त हो गया. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने इस महीने चुनाव नहीं कराने की दशा में आईओए को निलंबित करने की चेतावनी दी थी.
उषा 10 दिसंबर को हुए चुनाव में शीर्ष पद की अकेली दावेदार बनकर उभरीं। आईओए चुनावों के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गई। कार्यकारिणी परिषद के चार सदस्यों के लिए कुल 12 प्रत्याशी मैदान में थे।’पय्योली एक्सप्रेस’ और ‘उड़न परी’ के नाम से मशहूर रही उषा को भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में देखा जा रहा था.
इससे उनकी उपलब्धियों में एक और उपलब्धि जुड़ गई है. उषा ने 2000 में संन्यास लेने से पहले भारतीय और एशियाई एथलेटिक्स में दो दशक तक अपना दबदबा बनाया था.