कोलकाता:दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर इलाके में शुक्रवार शाम उस वक्त तनाव फैल गया, जब पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और लंदन में रहने वाले डॉक्टर रजतशुभ्र बंद्योपाध्याय को पुलिस ने सड़क पर बातचीत के बाद हिरासत में ले लिया। इस घटना से सियासी विवाद खड़ा हो गया।

मजूमदार ‘पश्चिमबंगा दिबस’ (पश्चिम बंगाल दिवस) मनाने के लिए मोटरसाइकिल से भवानीपुर पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और फिर डॉक्टर बंद्योपाध्याय से मिलने हरीश मुखर्जी रोड स्थित उनके घर की ओर रवाना हुए। जब उनका काफिला उस इलाके में पहुंचा, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और कहा कि डॉक्टर घर पर नहीं हैं। लेकिन थोड़ी ही देर बाद भाजपा ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें डॉक्टर अपने घर में मौजूद दिखे। इस पर आसपास जमा पार्टी कार्यकर्ता भड़क उठे।

फिर भाजपा समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर बहस हुई। कार्यकर्ताओं का आरोप था कि सरकार राजनीतिक प्रतीकों को भी बर्दाश्त नहीं कर रही और पुलिस को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रही है। इसी दौरान डॉक्टर बंद्योपाध्याय अपने घर से बाहर आए और सड़क पर मजूमदार से मुलाकात की। डॉक्टर रजतशुभ्र हाल ही में लंदन के केलॉग कॉलेज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यक्रम में सवाल पूछकर चर्चा में आए थे, जिसके बाद वहां हंगामा भी हुआ था।

सड़क पर दोनों की बातचीत के कुछ ही देर बाद पुलिस ने उन्हें अपनी गाड़ी में बिठा लिया और सीधे लालबाजार स्थित पुलिस मुख्यालय ले गई। गिरफ्तारी पर सुकांत मजूमदार ने कहा, हमें क्यों हिरासत में लिया गया, यह समझ में नहीं आया। दुनिया में कहीं ऐसा नहीं होता। भाजपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस ने खींचते हुए मौके से हटाया। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। पार्टी के एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, क्या अब डॉक्टर से मिलने जाना भी जुर्म है? भाजपा नेता सौरव सिकदार ने कहा, यह राज्य प्रायोजित गुंडागर्दी है। एक डॉक्टर जिसने सवाल पूछे और एक मित्र मंत्री जो मिलने आए, उनसे सरकार डर रही है।