प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को सिविल सेवा अधिकारियों से देश की एकता व अखंडता से कोई समझौता ना करने का आह्वान करते हुए कहा कि कोई भी फैसला वह चाहे कितना भी आकर्षक क्यों ना हो, लेने से पहले उन्हें उसे एकता व अखंडता की तराजू में जरूर तौलना चाहिए।
सिविल सेवा दिवस के अवसर पर यहां स्थित विज्ञान भवन में लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्रदान करने के बाद सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें अपने फैसलों में यह जरूर देखना चाहिए कि वह देश की एकता और अखंडता में कहीं रुकावट तो पैदा नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री ने दूसरा लक्ष्य वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप नवीनता और आधुनिकता को अपनाना और तीसरा लक्ष्य एकता व अखंडता से समझौता ना करना है। उन्होंने कहा, ‘… व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है देश की एकता और अखंडता। यह लक्ष्य कभी भी ओझल नहीं होना चाहिए’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कोई भी निर्णय…वह चाहे कितना भी लोकलुभावन हो या आकर्षक हो, उसे उस तराजू पर जरूर तौलिए कि कहीं देश की एकता और अखंडता में वह बाधक या रूकावट तो नहीं पैदा करेगा।’