स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन को आज पूरा एक साल हो गया है।साल 2022, 6 फरवरी को लता जी नें अंतिम सांस ली थी। लता जी ने अपनी जिंदगी में 50 हजार से भी ज्यादा गाने गाए हैं। उपब्धियां हासिल करने के बाद भी वह दोबार लता मंगेशकर नहीं बनाना चाहती थीं।
इस दौरान उनसे पूछा गया था कि, क्या दोबारा जन्म मिले तो फिर से लता मंगेश्कर ही बनना चाहेंगी। जिसका जवाब देते हुए लता जी ने कहा था कि- अगर वाकई मुझे दोबारा जन्म मिला तो मैं लता मंगेशकर कभी नहीं बनना चाहूंगी, क्योंकि लता मंगेशकर की जो तकलीफें है, वो मैं ही जानती हूं।
बचपन से लेकर आखिरी सांस तक लता मंगेशकर ने तकलीफें और संघर्ष देखा है। कम उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया उठ गया था। जिसके बाद घर की सारी जिम्मेदीर उनके कंधों पर आ गई थी। इतनी परेशानी उठाने के बाद उन्होंने इन परेशानियों को हराया, और यहीं वजह थी कि वह लता मंगेशकर नहीं बनना चाहती थीं।