बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी गुरुवार को लगातार तीसरे सत्र में गिरावट के साथ बंद हुए। शेयर बाजार इस्राइल-ईरान युद्ध और अमेरिकी फेडरल द्वार ब्याज दरें अपरिवर्तित रखने के निर्णय से प्रभावित हुआ।
उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 82.79 अंक या 0.10 प्रतिशत गिरकर 81,361.87 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान इसने 392.9 अंक का उतार-चढ़ाव देखा और 81,583.94 अंक के उच्चतम और 81,191.04 अंक के न्यूनतम स्तर को छुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 18.80 अंक या 0.08 प्रतिशत गिरकर 24,793.25 अंक पर आ गया।
क्या रहा सेंसेक्स कंपनियों का हाल?
सेंसेक्स की कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, बजाज फाइनेंस, टेक महिंद्रा, इंडसइंड बैंक, नेस्ले और टाटा स्टील प्रमुख रूप से पिछड़ने वाले शेयर रहे। इसके विपरीत, महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, भारती एयरटेल और मारुति लाभ में रहीं।
यूरोपीय बाजारों में आई गिरावट
एशियाई बाजारों में, जापान का निक्केई 225 सूचकांक, शंघाई का एसएसई कम्पोजिट सूचकांक और हांगकांग का हैंगसेंग नकारात्मक क्षेत्र में बंद हुए, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। मध्य सत्र में यूरोपीय बाजार गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। बुधवार को अमेरिकी बाजार मिलेजुले रुख पर बंद हुए।
फेडरल बैंक के निर्णय से बाजार पर अधिक असर पड़ा
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि निवेशकों का मूड फेडरल बैंक के निर्णय से और अधिक प्रभावित हुआ। जबकि मुद्रास्फीति के लगातार बने रहने और आर्थिक विकास में कमी आने का संकेत मिला, जिससे सॉफ्टवेयर निर्यात शेयरों पर दबाव पड़ा। भारतीय शेयर सूचकांक में नकारात्मक पूर्वाग्रह के साथ सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव देखा गया। पश्चिम एशिया संघर्ष में अमेरिका की संभावित भागीदारी को लेकर दुनिया भर में सतर्कता की भावना फैल गई।