कासगंज:  होली में अब करीब एक सप्ताह ही शेष है। बाजार से लेकर घरों तक त्योहार का उल्लास नजर आने लगा है। वहीं 7 मार्च से होलाष्टक और 14 मार्च से खरमास लगने के कारण करीब सवा माह तक मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। 13 अप्रैल तक खरमास है। इसके बाद 14 अप्रैल से मांगलिक आयोजनों का दौर शुरू होगा।

ज्योतिषाचार्य पं. मुकुंद बल्लभ भट्ट ने बताया कि होलाष्टक फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि से आरंभ होता है। 7 मार्च को अष्टमी तिथि के साथ होलाष्टक लग जाएगा। होलाष्टक में अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल एवं पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव में रहते हैं।

इन दिनों में ग्रहों के उग्र रहने से मनुष्य के निर्णय लेने की क्षमता कम हो जाती है। इसलिए इन दिनों में विवाह आयोजन सहित मांगलिक कार्य शास्त्रों में वर्जित माने गए हैं। 14 मार्च को शाम में 6:59 बजे पर मीन राशि में गोचर करेंगे। सूर्य की मीन संक्रांति होगी।

सूर्य के मीन में प्रवेश करते ही खरमास का प्रारंभ हो जाएगा। 14 अप्रैल 2025 को सूर्य मेष राशि में तड़के 03:30 बजे गोचर करेंगे, उस समय मेष संक्रांति होगी। इसी के साथ खरमास का समापन हो जाएगा। खरमास में भी विवाह आयोजन व मांगलिक कार्यक्रम शास्त्रों में वर्जित माने गए हैं। .