पाकिस्तान का आतंकी संगठन ‘लश्कर-ए-तैयबा’ (एलईटी), जम्मू-कश्मीर में अपने सहयोगी समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) को ड्रोन के जरिए हथियार और गोला-बारूद भेजता है। ये हथियार भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट कठुआ और सांबा इलाके में गिराए जाते थे।
वहां से ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ के गुर्गे यानी ओवर ग्राउंड वर्कर उन हथियारों को उठाकर अपने घर में छिपा लेते थे। आतंकियों की इस चाल से सुरक्षा बल और लोकल पुलिस अनभिज्ञ थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का स्थानीय समूह ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को संचालित करता है।
पुलिस स्टेशन, पीर मीठा जम्मू के तालाब खटिकन क्षेत्र में रहने वाला फैजल मुनीर उर्फ अली भाई भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए हथियार और विस्फोटकों की सप्लाई यानी ‘ट्रांसपोर्ट’ का कामकाज देखता था।
एनआईए की जांच के अनुसार, उसने भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकवादी कमांडरों और उनके गुर्गों को हथियारों एवं विस्फोटकों की खेप पहुंचाने की साजिश रची थी।