इस वर्ष मानसून ने समय से पूर्व दस्तक दे दी है। केरल के बाद महाराष्ट्र में भी झमाझम बारिश का दौर शुरु हो गया है। समय से पूर्व आए मॉनसून से गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में बादल गरज रहे है तो उत्तर भारत में भी प्री मानसून गतिविधियां नजर आ रही है। मौसम विभाग का कहना है कि, 27 मई के आसपास मानसून आने का अनुमान लगाया था, लेकिन यह पहले ही आ गया। इस बारिश से फसलों के साथ साथ आजीविका को भी बूस्ट मिलेगा।

आईएमडी के मुताबिक, अरब सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र और विदर्भ तक फैली ट्रफ रेखा ने मानसून को रफ्तार दी है। इसके अलावा, ईएनसीओ की सामान्य स्थिति और हिमालय में कम बर्फबारी ने भी मानसून को जोरदार बनाया है। 13 मई को अंडमान सागर में मानसून की शुरुआत ने इसे केरल तक तेजी से पहुंचाने में मदद की। अब मानसूनी बारिश केरल, महाराष्ट्र तक सीमित नहीं रहा है। यह अब धीरे धीरे लक्षद्वीप, अरब सागर, मालदीव, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मिजोरम के कुछ हिस्सों तक पहुंचेगा। बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों में भी इसकी दस्तक हो चुकी है। मानसून अगले दो से तीन दिनों में गोवा, आंध्र प्रदेश और बाकी पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा।

प्री मानसून गतिविधियों के चलते उत्तर भारत में भी तापमान में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि राजधानी दिल्लीवासियों को अभी बारिश के लिए इंतजार करना पड़ेगा। अगले कुछ दिनों में राजधानी दिल्ली में फिर तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

आमतौर पर दिल्ली एनसीआर में मानसून 27 से 29 जून के आसपास एंट्री लेता है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 20-30 जून तक मानसून के आने की संभावना। वहीं, पूर्वी यूपी में 20 जून और पश्चिमी यूपी में 25-30 जून तक आता है। इसके अलावा हरियाणा और पंजाब: 29 जून से 2 जुलाई तक मानसून पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। राजस्थान में 25 जून से 5 जुलाई के बीच पहुंच सकता है। बिहार और झारखंड में 16-18 जून तक मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। वहीं, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 15-20 जून तक मानसून के दस्तक देने की उम्मीद। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में 25 जून के बाद मानसून सक्रिय हो सकता है। वहीं उत्तराखंड में 25-30 जून तक मानसून पहुंचने की उम्मीद है।