दिल्ली के जंतर-मंतर पर कई दिनों से चल रहा पहलवानों का धरना अब ‘करो या मरो’ की नीति पर आ गया है। सोशल मीडिया पर पहलवानों के रोते हुए वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं। लोगों से जंतर-मंतर पर पहुंचने की अपील की जा रही है।
तीन मई की रात दिल्ली पुलिस और पहलवानों के बीच जो कुछ हुआ, उसके बाद बिल्कुल वैसी ही स्थिति पैदा हो गई है, जैसी किसान आंदोलन में जब राकेश टिकैत अपने चंद समर्थकों के साथ दिल्ली बॉर्डर पर अकेले पड़ गए थे।
राकेश टिकैत ने कह दिया है कि चार लाख ट्रैक्टर कहीं गए नहीं हैं। उनकी इस चेतावनी को समझा जा सकता है। दूसरी ओर, यह मामला शांत नहीं होते देख अब कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर भी तलवार लटक गई है। देर-सवेर उनके इस्तीफा या गिरफ्तारी की सूचना आ सकती है।
तीन मई की रात को हुई घटना के बाद पहलवान भी आक्रामक मूड में दिख रहे हैं। पहलवान बजरंग पुनिया ने कह दिया है कि अगर मेडल का सम्मान ऐसा ही है, तो हम इस मेडल का क्या करेंगे। दिल्ली के सभी प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात कर दी गई। दिल्ली पुलिस के सभी डीसीपी, स्थिति पर नजर रख हुए हैं।