Saturday, July 27, 2024 at 6:15 AM

डेमोक्रेटिक थिंक टैंक के खिलाफ एकजुट हुए भारतीय संगठन, हिंदू विरोधी कट्टरता को बढ़ावा देने के आरोप

अमेरिका के कई हिंदू संगठन डेमोक्रेटिक थिंक टैंक इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट के खिलाफ लामबंद हो गए हैं। इन हिंदू संगठनों का आरोप है कि डेमोक्रेटिक थिंक टैंक कथित तौर पर भारतीय अमेरिकी राजनेताओं का विरोध करने वाले लोगों को अपने सम्मेलन में बतौर वक्ता, मेहमान आमंत्रित कर रहा है। दरअसल इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट के दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन ‘डेसिस डिसाइड’ की बुधवार से शुरुआत हो गई।

थिंक टैंक के इस फैसले से हिंदू संगठन नाराज
बीते कुछ वर्षों में थिंक टैंक इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट काफी प्रभावी बनकर उभरा है और यह भारतीय अमेरिकी समुदाय का सबसे प्रभावशाली डेमोक्रेटिक थिंक टैंक माना जाता है। मशहूर भारतीय अमेरिकी दीपक राज इसके सह-संस्थापक और सबसे बड़े दानदाता हैं। हिंदू संगठनों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि ‘ऐसे लोगों को सम्मेलन में बुलाना, जो सार्वजनिक तौर पर भारतीय अमेरिकी उम्मीदवारों और निर्वाचित अधिकारियों की खुलकर आलोचना कर रहे हैं, उन्हें सम्मेलन में बुलाना बेहद निराशाजनक है।’ हिंदू अमेरिकन नामक संगठन के बोर्ड सदस्य राजीव पंडित का कहना है कि ‘इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट का उद्देश्य अमेरिका में सभी स्तरों पर भारतीय मूल के लोगों की उपस्थिति को बढ़ाना है, लेकिन यह बेहद असमंजस और निराशाजनक बात है कि इस संगठन के प्लेटफॉर्म पर ऐसे लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है, जो खुलकर भारतीय अमेरिकी लोगों का विरोध करते हैं और हिंदू विरोधी कट्टरता को बढ़ावा देते हैं।’

हिंदू संगठनों की इन पैनलिस्टों को लेकर है नाराजगी
हिंदू संगठनों का विरोध पैनल में शामिल दो पैनलिस्टों को लेकर खासकर है, जिनमें इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल की सफा अहमद और हिंदूज फॉर ह्युमन राइट्स की रिया चक्रवर्ती का नाम शामिल है। हालांकि हिंदू संगठनों के आरोपों पर अभी तक इंडियन अमेरिकी इम्पैक्ट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हिंदू संगठनों का आरोप है कि भारतीय अमेरिकियों पर जेनोफोबिक होने, दोहरी निष्ठा जैसे आरोप लगाए जाते हैं। कनाडा के प्रोग्रेसिव मुस्लिम्स के अध्यक्ष ताहिर असलम गोरा ने कहा कि ‘यह देखना हैरान करने वाला है कि इम्पैक्ट का डेसिस डिसाइड सम्मेलन भारत की छवि को खराब कर रहा है और ये दिखाना चाह रहा है कि भारत की मौजूदा सरकार मुस्लिमों के प्रति भेदभाव करती है, जबकि मौजूदा सरकार भारत में मुस्लिमों की भलाई के लिए काम कर रही है।’

Check Also

कमला हैरिस का डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बनना तय!, अभियान के पहले दिन ही जुटाया पर्याप्त समर्थन

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव से पहले जो बाइडन के नाम वापस लेने के बाद मौजूदा …