भुवनेश्वर: ओडिशा के कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (केआईआईटी) के छात्रावासों से नेपाली छात्रों को जबरन बाहर निकालने के मामले में गिरफ्तार किए गए पांच लोगों को जमानत मिल गई है। गिरफ्तार किए गए लोगों में केआईआईटी में मानव संसाधन महानिदेशक सिबानंद मिश्रा (59), निदेशक (प्रशासन) प्रताप कुमार चामुपति (51), छात्रावास निदेशक सुधीर कुमार रथ (59) और दो सुरक्षा गार्ड रमाकांत नायक (45) और जोगेंद्र बेहरा (25) शामिल हैं। गिरफ्तारियां नेपाली छात्रा प्रकृति लमसाल की आत्महत्या के बाद नेपाली छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के कुछ दिनों बाद हुई हैं।
छात्रावास के कमरे में छात्रा ने की थी आत्महत्या
शहर में स्थित केआईआईटी में बीटेक (कंप्यूटर साइंस) तृतीय वर्ष की छात्रा प्रकृति लम्साल (20) ने रविवार दोपहर को छात्रावास के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद परिसर में अशांति फैल गई। इस घटना को लेकर राज्यव्यापी आक्रोश फैल गया है। विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया गया। इससे पहले ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को भुवनेश्वर के एम्स में पोस्टमॉर्टम के बाद नेपाली छात्रा का शव उसके पिता को सौंप दिया। लड़की के पिता सुनील लम्साल अपने दोस्तों के साथ यहां मौजूद रहे। सुनील ने बताया कि वे शव को नेपाल ले जाने की योजना बना रहे हैं।
हालात बिगड़े तो नेपाली छात्रों को छात्रावास से निकाल दिया
आत्महत्या की खबर लगते ही परिसर में स्थिति बिगड़ने लगी। इसे देखते हुए आनन फानन में केआईआईटी अधिकारियों ने कुछ नेपाली छात्रों को छात्रावास से कथित तौर पर निकाल दिया और उनकी यात्रा की कोई व्यवस्था किए बिना उन्हें कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया। कुछ छात्रों ने दावा किया, ‘हमारे पास भोजन, पानी या रेल टिकट खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं।’ कई छात्र आरक्षित टिकट नहीं मिल पाने के कारण पुरी-पटना एक्सप्रेस ट्रेन में सामान्य डिब्बे में चढ़ गए।
पुलिस ने दो मामले दर्ज किए
भुवनेश्वर के डीसीपी पिनाक मिश्रा ने बताया, ‘पुलिस ने दो मामले दर्ज किए हैं, एक लड़की के चचेरे भाई से मिली शिकायत के आधार पर फांसी लगाकर आत्महत्या करने के संबंध में और दूसरा सोशल मीडिया वीडियो को लेकर, जिसमें निजी विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मी और कर्मचारी घटना पर विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों के साथ दुर्व्यवहार व पिटाई करते दिख रहे हैं।’