Tuesday, May 21, 2024 at 6:50 AM

सीएम योगी ने कहा, संविधान का गला घोंटने का रहा है कांग्रेस का इतिहास- आरक्षण में सेंधमारी नहीं होने देंगे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान का गला घोंटकर, पिछड़े और अनुसूचित जातियों के आरक्षण में सेंधमारी कर धर्म के आधार पर एक वर्ग विशेष को आरक्षण देने की कांग्रेस, सपा और इंडी गठबंधन की मंशा देश की जनता सफल नहीं होने देगी। भाजपा धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार के आरक्षण की विरोधी है क्योंकि धर्म-मजहब के आधार पर भारत के विभाजन का दंश आम जनता झेल चुकी है। भाजपा एससी-एसटी और ओबीसी आरक्षण के लाभ की पक्षधर है।

सीएम योगी मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडी गठबंधन से जुड़े जो दल हैं, इनके इतिहास के बारे में हर व्यक्ति जानता है। कांग्रेस का इतिहास बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान का गला घोंटने का रहा है।

1950 में देश का संविधान लागू हुआ और कांग्रेस ने लगातार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रौंदने समेत यह प्रयास किए कि वह संविधान को अपने तरीके से इस्तेमाल करे। जनता का शासन जनता के लिए है, जनभावनाओं का सम्मान हो, कांग्रेस ने यह कभी समझने का प्रयास ही नहीं किया।

इमरजेंसी के अत्याचार और यूपीए सरकार के पापों को भूली नहीं है जनता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इमरजेंसी को देश की जनता आज भी नहीं भूली है। यह भी देश के संविधान का गला घोंटने जैसा ही था। इसके साथ ही कांग्रेस ने यूपीए सरकार के समय जो पाप किया, वह भी देश की जनता को याद है। तब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी यूपीए सरकार में कांग्रेस की सहयोगी थीं।

रंगनाथ और सच्चर कमेटी के जरिये पहले भी धर्म के आधार पर आरक्षण का साजिश कर चुकी है कांग्रेस
सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस ने जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी और सच्चर कमेटी का गठन करके देश भर में संविधान विरोधी कार्य करते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के हक पर डकैती डालने की कोशिश की थी।

तब कांग्रेस ने धर्म के आधार पर आरक्षण देने का कुत्सित प्रयास किया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार की मंशा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण में से 6 प्रतिशत तुष्टीकरण के नाम पर काट कर देने की थी। इसी प्रकार सच्चर कमेटी के माध्यम से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के आरक्षण में सेंधमारी कर मुस्लिम समाज की कुछ जातियों को शामिल करने की कोशिश की गई थी।

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