चीन ने वायुमंडलीय क्षेत्र में अपनी ताकत को और मजबूत करने के लिए अहम कदम उठाया है। इसके तहत चीन ने अंटार्कटिका में एक नई दूरबीन का अनावरण किया है, जिससे इस बर्फीले और संसाधन से भरे पूरे महाद्वीप पर उसकी उपस्थिति और भी मजबूत हो गई है। बता दें कि इस दूरबीन का नाम ‘थ्री गॉर्जेस अंटार्कटिक आई’ है, और यह 3.2 मीटर एपर्चर वाली रेडियो/मिलीमीटर-वेव दूरबीन है। इसे चीन के थ्री गॉर्जेस यूनिवर्सिटी (सीटीजीयू) और शंघाई नॉर्मल यूनिवर्सिटी (एसएचएनयू) द्वारा सह-विकसित किया गया है।

अंटार्कटिका के क्षेत्र में और मजबूत होगी ताकत
इस विषय में जारी विज्ञाप्ति में बताया गया है कि चीन का यह कदम अंटार्कटिक में अपनी क्षमताओं को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दूरबीन अंटार्कटिका की प्राचीन और शुद्ध वायुमंडलीय स्थितियों का लाभ उठाकर इन्फ्रारेड और मिलीमीटर-कंपन की समीक्षा में मदद करेगी, जिससे ब्रह्मांडीय घटनाओं का अध्ययन करने में सहायता मिलेगी।

चीन का लगातार बढ़ता वैज्ञानिक अनुसंधान
चीन अंटार्कटिका में अपने वैज्ञानिक अनुसंधान को लगातार बढ़ा रहा है। तीन साल पहले 2022 में उसने अपना पांचवां विशाल अनुसंधान स्टेशन शुरू किया था। इस स्टेशन में 5,244 वर्ग मीटर का फर्श क्षेत्र है और यह गर्मियों के दौरान 80 अभियान दल के सदस्यों और सर्दियों में 30 सदस्यों को सहायक सेवाएं प्रदान करने के लिए सुविधाओं से लैस है।