आठवें वेतन आयोग को लेकर केंद्रीय कर्मचारी मुखर हो रहे हैं। अब केंद्रीय कर्मियों की मांगों को संसद सदस्यों का भी समर्थन मिल रहा है। संसद सत्र के पहले ही दिन यह सवाल पूछा गया कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए क्या आठवें वेतन आयोग के गठन को अधिसूचित किया गया है। मंगलवार को राज्यसभा में भुबनेश्वर काल्निता ने पूछा था, क्या सरकार को आठवें वेतन आयोग के मद्देनजर विचारार्थ विषय तैयार करने के लिए संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद् (एनसी-जेसीएम) से कोई सुझाव प्राप्त हुआ है, यदि हां, तो परिषद् के मुख्य सुझाव क्या हैं। आठवें वेतन आयोग के लिए जेसीएम की तरफ से सिफारिशों का एक पिटारा, सरकार को सौंपा गया है। इसमें 5 वर्ष में पेंशन वृद्धि और डॉ. एक्रोयड फार्मूले में बदलाव, ऐसे कई अहम सुझाव दिए गए हैं। रेल और रक्षा उद्योग के कर्मियों के हितों के लिए विशेष सुझावों की प्रति सरकार को दी गई है।
राज्यसभा सांसद भुबनेश्वर काल्निता ने पूछा, क्या सरकार इन सुझावों पर विचार कर रही है। क्या सरकार, आयोग में सभी हितधारकों को शामिल करने की योजना बना रही है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है। यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इन सवालों के जवाब में बताया कि हितधारक परामर्श के भाग के रूप में संयुक्त परामर्शदात्री तंत्र की राष्ट्रीय परिषद (एनसी-जेसीएम) से कई सुझाव प्राप्त हुए हैं। आठवें वेतन आयोग को लेकर रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और राज्यों सहित प्रमुख हितधारकों से इनपुट मांगे गए हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के माध्यम से सचिव स्टाफ साइड एनसी (जेसीएम) द्वारा अग्रेषित 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग के लिए जो सुझाव प्राप्त हुए हैं, उनमें कई श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य लाभों/सुविधाओं, पेंशन/ग्रेच्युटी व अन्य सेवोपरांत लाभों आदि की मौजूदा संरचना की जांच करना, शामिल है।
एक जनवरी 2026 तक केंद्र सरकार के कर्मचारियों की श्रेणियों के लिए व्यापक संशोधित वेतनमान पर विचार करना, यह जेसीएम के मांग पत्र का सार है। आठवां वेतन आयोग, विकास और जीवन की आवश्यकताओं, जिसमें पिछले 65 वर्षों में काफी परिवर्तन हुआ है। एक जनवरी 2026 तक न्यूनतम वेतन निर्धारित करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के विभिन्न निर्णयों पर विचार करने के लिए डॉ. एक्रोयड फार्मूला में संशोधन करते हुए 15 वें भारतीय श्रम सम्मेलन (1957) की सिफारिश के संदर्भ में ‘उचित और सम्मानजनक जीवनयापन वेतन’ के रूप में न्यूनतम वेतन प्रदान करने को ध्यान में रखते हुए वेतन संरचना तैयार करना।
कर्मियों के हित लाभ, सुविधाएं, सेवानिवृत्ति लाभ, कल्याणकारी मामलों आदि का निर्धारण करना। आयोग, वर्ष 2019 में राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी नीति निर्धारित करने के लिए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति की सिफारिश के अनुसार खपत इकाइयों को 03 परिवार इकाइयों से बढ़ाकर 3.6 परिवार इकाइयों तक करने पर भी विचार करे। 8वें केन्द्रीय वेतन आयोग द्वारा अव्यवहार्य वेतनमानों जैसे लेवल-1 का लेवल-2 के साथ और लेवल-3 का लेवल-4 के साथ तथा लेवल-5 का लेवल-6 के साथ विलय करने पर विचार किया जाना चाहिए। एमएसीपी योजना में मौजूदा विसंगतियों पर विचार करना और सुस्पष्ट पदानुक्रमिक संरचना के साथ सेवा में न्यूनतम 3 पदोन्नतियों तथा पदोन्नति पदानुक्रम में एमएसीपी की सिफारिश करना।