SOCHI, RUSSIA - MAY 19: (RUSSIA OUT) Cambodia's Prime Minister Hun Sen attends a meeting with Russian President Vladimir Putin at Bocharov Ruchey State Residence on May 19, 2016 in Sochi, Russia. Leaders of ASEAN states have arrived in Russia's Black Sea resort city of Sochi to attend the Russia-ASEAN Summit. (Photo by Mikhail Svetlov/Getty Images)

अंतरराष्ट्रीय सहमति को तोड़ते हुए कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने यहां म्यांमार के सैनिक शासक मिन आंग हलायंग से मुलाकात की।   म्यांमार में सैनिक तख्ता पलट के बाद वे पहले विदेशी नेता बने हैं, जिन्होंने हयालंग से सीधे हाथ मिलाया।

पर्यवेक्षकों का कहना है कि हुन सेन की इस यात्रा से म्यांमार के सैनिक शासकों को अंतरराष्ट्रीय वैधता मिलने की शुरुआत हो सकती है। जानकारों ने ध्यान दिलाया है कि हुन सेन हमेशा से चीन के करीबी रहे हैं। जब दक्षिण चीन सागर विवाद को लेकर साझा वक्तव्य पर सहमति नहीं बन सकी थी।
हुन सेन की म्यांमार यात्रा को पर्यवेक्षकों ने इस बात का संकेत माना है कि हुन सेन इस बार भी चीन के हितों को आगे बढ़ा रहे हैँ। म्यांमार में सैनिक तख्ता पलट के बावजूद चीन ने म्यांमार से अपने संबंध नहीं तोड़े हैँ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसने रूस के साथ मिल कर पश्चिमी देशों की तरफ से लाए गए सैनिक तख्ता पलट विरोधी प्रस्तावों को पारित नहीं होने दिया है।

जानकारों के मुताबिक हालांकि आसियान में सभी फैसले आम सहमति से होते हैं, लेकिन अध्यक्ष के पास इस समूह की दिशा को प्रभावित करने की काफी ताकत रहती है। अध्यक्ष अपने देश का शासन प्रमुख होने के नाते विभिन्न देशों की यात्राएं करता या बयान जारी करता है, लेकिन उसे अक्सर आसियान की राय से भी जोड़ कर देखने का चलन रहा है।