आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच तनातनी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर चुके सीएम केजरीवाल अब नीति आयोग की मीटिंग का भी बहिष्कार करेंगे।
सीएम केजरीवाल ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा, ‘लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट का पालन नहीं करते हैं तो लोग लोग न्याय के लिए कहां जाएंगे? नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का क्या मतलब है जब सहकारी संघवाद एक मजाक है।’
अपने दो पन्ने के लेटर में सीएम केजरीवाल ने लिखा, ‘कल नीति आयोग की मीटिंग है। नीति आयोग का उद्देश्य है भारतवर्ष का विजन तैयार करना और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना। पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह जनतंत्र पर हमला हुआ है, गैर भाजपा सरकारों को गिराया जा रहा है, तोड़ा जा रहा है या काम नहीं करने दिया जा रहा, ये न ही हमारे भारतवर्ष का विजन है और न ही सहकारी संघवाद।’
कुछ दिनों से AAP समेत कई विपक्षी दल केंद्र सरकार के उस अध्यादेश को लेकर हमलावर हैं जिसके तहत राजधानी में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की शक्ति दिल्ली सरकार से वापस ले ली गई है। मात्र आठ दिन में आपने अध्यादेश पारित कर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया।’