मुंबई: मुंबई की एक अदालत ने समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी को इंटरव्यू के दौरान संयम रखने की चेतावनी दी। कोर्ट ने कहा कि उनके जैसे वरिष्ठ राजनेता का कोई भी गैर-जिम्मेदाराना बयान दंगा भड़का सकता है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वी.जी. रघुवंशी ने मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करने वाले बयान के खिलाफ दायर मामले में आजमी को मंगलवार को अग्रिम जमानत दी और उन्हें फटकार लगाई।

अदालत ने आदेश में कहा, यह अपराध एक इंटरव्यू के दौरान दिए गए बयान से जुड़ा है। इसका मतलब है कि पुलिस को किसी भी वस्तु की जब्ती या पूछताछ के लिए हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है। आदेश की एक प्रति गुरुवार को उपलब्ध कराई गई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इस बात पर गौर किया कि आजमी एक राजनेता और कारोबारी हैं और इसकी संभावना नहीं है कि वह न्याय की प्रक्रिया से भागेंगे। अदालत ने कहा कि यह विवेक का इस्तेमाल करने के लिए उनके पक्ष में उपयुक्त मामला है।

न्यायाधीश ने कहा, आदेश जारी करने से पहले मैं आवेदक (आजमी) को सावधान करना चाहूंगा कि मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इंटरव्यू देते समय संयम बरतें। कोई भी गैर-जिम्मेदाराना बयान दंगे भड़का सकता है और कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि एक वरिष्ठ राजनेता होने के नाते आवेदक अपनी जिम्मेदारी समझेंगे। पिछले हफ्ते मानखुर्द-शिवाजीनगर क्षेत्र के विधायक आजमी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत वि धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। उन पर बीएनएस की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी समुदाय के लोगों की धार्मिक मान्यताओं का अपमान करना), अनुच्छे 302 (किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 356 (2) (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया है।