Monday, November 25, 2024 at 8:23 PM

मणिपुर में अफस्पा कानून का विरोध शुरू, हिंसा के बाद से छह इलाकों में हुआ है लागू

इंफाल: मणिपुर के कई इलाकों में केंद्र सरकार द्वारा फिर से अफस्पा कानून लागू करने का विरोध शुरू हो गया है। सोमवार को इस फैसले के विरोध में हजारों की तादाद में महिलाओं ने विरोध मार्च निकाला। महिलाएं विरोध मार्च निकालते हुए इंफाल स्थित सचिवालय जाना चाहती थीं, लेकिन सुरक्षाबलों ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया। गौरतलब है कि बीते दिनों जिरीबाम में हुई हिंसा के बाद मणिपुर के कई इलाकों में फिर से अफस्पा कानून लागू कर दिया गया है।

महिला संगठन ने किया रैली का आयोजन

सोमवार को मणिपुर में मानवाधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए काम करने वाले महिलाओं के संगठन मीरा पाइबिस ने रैली का आयोजन किया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हाथों में प्लेकार्ड और बैनर पकड़े हुए थे और वे राज्य से अफस्पा (Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) 1958) कानून को हटाने की मांग कर रहीं थी। महिलाओं की रैली इंफाल के कोंगबा बाजार इलाके से शुरू हुई, लेकिन तीन किलोमीटर बाद ही रैली को सुरक्षा बलों ने रोक दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी वापस कोंगबा बाजार पहुंचे और वहां एक सभा का आयोजन किया।

संगठन ने केंद्र सरकार पर लगाए आरोप

संगठन की कार्यकर्ता बबीना माइबम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘मूल निवासियों के खिलाफ हो रहे शोषण के खिलाफ हम प्रदर्शन कर रहे हैं। हम अन्यायपूर्ण और निर्दयी अफस्पा कानून को फिर से राज्य में लागू नहीं होने दे सकते। फर्जी मुठभेड़ के कई मामले अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। अब राज्य के छह पुलिस थानों में फिर से अफस्पा कानून लागू करके केंद्र सरकार राज्य के लोगों की परेशानी को सिर्फ बढ़ाना चाहती है।’

इन इलाकों में लागू हुआ है अफस्पा कानून

अफस्पा कानून के तहत सुरक्षा बलों को अतिरिक्त अधिकार मिल जाते हैं, जिनमें कहीं भी तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और जरूरत पड़ने पर फायरिंग करने जैसे अधिकार शामिल हैं। केंद्र सरकार ने बीते दिनों जिरीबाम जिले में हिंसा के बाद जिरीबाम समेत इंफाल पश्चिम के सेकमई और लामसांग, इंफाल पूर्व के लामलाई, कांगपोकपी जिले के लेईमाकहोंग और बिष्णुपुर जिले के मोइरंग पुलिस थानों में अफस्पा कानून फिर से लागू कर दिया है।

Check Also

सरकारी विभागों में सीधी भर्ती पर मंथन करेगी संसदीय समिति, विरोध के बाद वापस खींचने पड़े थे कदम

नई दिल्ली:  सरकारी विभागों में प्रमुख पदों को भरने के लिए लेटरल एंट्री यानी सीधी …