इंफाल: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में शुक्रवार को एक बार फिर सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है, क्योंकि एक आदिवासी संगठन ने जिले में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया। यह बंद एक बुजुर्ग कुकी महिला की हत्या के विरोध में बुलाया गया है। बाजार और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सड़कों पर यातायात ठप हो गया। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के कार्यकर्ताओं ने कई सड़कों को जाम कर दिया। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं।

मुठभेड़ में हुई बुजुर्ग महिला की मौत
प्रदर्शनकारी लाठियों के साथ सड़कों पर उतरे और सुरक्षा बलों व अज्ञात हथियारबंद लोगों के बीच हुई मुठभेड़ में बुजुर्ग महिला होइखोलहिंग हाओकिप की मौत के खिलाफ प्रदर्शन किया। एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी दफ्तरों में उपस्थिति काफी कम रही और सभी शिक्षण संस्थान दिनभर के लिए बंद रखे गए।

आईटीएलएफ ने की स्वतंत्र जांच की मांग
आईटीएलएफ ने यह बंद गुरुवार शाम हुई गोलीबारी की घटना के बाद बुलाया, जिसमें हाओकिप की जान गई। यह घटना उस समय हुई, जब सुरक्षा बल लांगचिंगमानबी और हाइचांगलोक इलाकों में अभियान चला रहे थे। सुरक्षा बलों को देखकर अज्ञात हथियारबंद हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं, जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। आईटीएलएफ ने केंद्र सरकार से आदिवासी लोगों और उनकी भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। साथ ही, उन्होंने संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में ‘बफर जोन’ के बार-बार उल्लंघन की स्वतंत्र जांच की मांग भी की है।

कांगपोकपी में भी आज से बंद शुरू
इस बीच, कांगपोकपी जिले में भी शुक्रवार दोपहर 1 बजे से 24 घंटे का बंद शुरू किया गया है। इस बंद का समर्थन ट्राइबल यूनिटी कमेटी और चुराचांदपुर के संयुक्त नागरिक संगठनों ने किया है। मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी-जो समुदायों के बीच जातीय हिंसा जारी है, जिसमें अब तक 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। 13 फरवरी को केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया था, जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।