नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी को धन शोधन निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, फैजी को सोमवार रात दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया।

एसडीपीआई की स्थापना 2009 में हुई थी और इसे पहले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जोड़ा जाता था, जिसे कुछ साल पहले केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, एसडीपीआई ने पीएफआई से इस तरह के किसी भी संबंध से इनकार किया है और खुद को एक स्वतंत्र संगठन बताया है।

धन शोधन निरोधक कानून के तहत गिरफ्तारी
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय ने एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी को धन शोधन निरोधक कानून के तहत गिरफ्तार किया है। 2009 में स्थापित और दिल्ली में मुख्यालय वाली सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर अब प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का राजनीतिक मोर्चा होने का आरोप है।

पीएफआई को गैरकानूनी संगठन बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था
सूत्रों की मानें तो फैजी को सोमवार रात दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हिरासत में लिया गया। ईडी ने पहले एसडीपीआई को पीएफआई का राजनीतिक मोर्चा कहा था। सितंबर, 2022 में केंद्र सरकार ने पीएफआई को गैरकानूनी संगठन बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था।

छापेमारी और प्रवर्तन कार्रवाई की गई थी
प्रतिबंध लगने से पहले ईडी, एनआईए और विभिन्न राज्य पुलिस बलों सहित कई जांच एजेंसियों की ओर से पीएफआई के खिलाफ एक साथ छापेमारी और प्रवर्तन कार्रवाई की गई थी। हालांकि, एसडीपीआई के अनुसार फैजी संगठन के संस्थापक नेताओं में से हैं। 2018 में इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए थे। वे एक इस्लामी विद्वान और राजनीतिक पर्यवेक्षक हैं, जिन्होंने 1980 के दशक में मस्जिद इमाम के रूप में काम किया था। यह बात इसके पोर्टल पर कही गई है।

दक्षिण भारतीय राज्यों में मजबूत प्रभाव
जांच एजेंसियों के अधिकारियों के अनुसार, संगठन का केरल और कर्नाटक के विभिन्न इलाकों और कुछ अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में मजबूत प्रभाव है। ईडी ने 2022 में पीएफआई के खिलाफ अपनी जांच के हिस्से के रूप में फैजी को केरल स्थित पीएफआई नेता अब्दुल रजाक बीपी से जोड़ा था, जिस पर आरोप है कि उसने अपने संगठन की फंड जुटाने की गतिविधियों के तहत एसडीपीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष को 2 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे।