कंगना रनौत फिल्म इमरजेंसी में भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री की भूमिका में नजर आएंगी। इजरजेंसी में कंगना ने अभिनय के साथ ही निर्देशन भी किया है। इसी बीच उन्होंने बॉलीवुड निर्देशकों पर अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि अगर इंडस्ट्री में अच्छे फिल्म निर्माता होते तो उन्हें अपनी फिल्मों का निर्देशन नहीं करना पड़ता।
कंगना ने बॉलीवुड के बड़े निर्देशकों पर ताना कसते हुए कहा कि जिस तरह से वे महिला किरदारों के साथ व्यवहार करते हैं वह अत्याचारी है। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, उन्होंने साउथ की फिल्मों में महिला नायक को जिस तरह से दिखाया किया जाता है, उससे भी अपनी निराशा व्यक्त की और कहा कि वह उनकी जगह नहीं बनना चाहतीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक इंटरव्यू के दौरान, कंगना रनौत ने कहा, “मैं अपने आस-पास के निर्देशकों से निराश हूं। हमारे पास अछ्छे निर्देशक नहीं हैं। अगर हमारे पास अच्छे निर्देशक होते, तो मुझे खुद निर्देशन करने की जरूरत नहीं पड़ती। यह किसी का अपमान करने के लिए नहीं है, लेकिन पूरी ईमानदारी से, अगर आपको लगता है कि कोई ड्रीम डायरेक्टर है ,जिसके साथ मैं काम करना चाहती हूं, तो ऐसा कोई नहीं है।
कंगना ने आगे कहा पिछले पांच सालों से मेरा यही मामला रहा है। खासकर वे जो बड़ी फिल्में बना रहे हैं, जिनमें महिला किरदारों के साथ व्यवहार करते हैं, वह दूसरे स्तर पर अत्याचारी है। फिल्म इंडस्ट्री में एक भी ऐसा निर्देशक नहीं है जिसके साथ वह काम करना चाहती हों।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंगना ने इंटरव्यू में आगे कहा, “चाहे क्वीन हो, तनु वेड्स मनु हो या फिर मेरे शुरुआती सालों में मैंने गैंगस्टर, फैशन जैसी फिल्में की हों। इन सभी फिल्मों में मेरे सभी निर्देशक नए थे। मैंने कभी किसी खान की फिल्म या यशराज की फिल्म में काम नहीं किया। कंगना ने कहा, ”मैं निर्देशकों, लेखकों से बहुत निराश रही हूं और मैंने सोचा बस अब बहुत हो गया। मैं कुछ करूंगी और खुद ही करूंगी। यह बहुत अच्छा रहा है।”