संसद की शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष अपने तमाम मुद्दों को लेकर हंगामा कर रहा है, वहीं उसका आरोप है कि सत्ता पक्ष की तरफ से उनकी मांगें न माने जाने के कारण संसद की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है। जिसकी वजह से संसद के महत्वपूर्ण छह दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए। इसे लेकर आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तमाम दलों के साथ एक बैठक भी की है। इस बैठक में लवू श्री कृष्ण देवरायलू – टीडीपी, गौरव गोगोई – कांग्रेस, टी आर बालू – डीएमके, सुप्रिया सुले – एनसीपी, धर्मेंद्र यादव – एसपी, दिलेश्वर कामैत – जेडी(यू), अभय कुशवाह – आरजेडी, कल्याण बनर्जी – टीएमसी, अरविंद सावंत – शिवसेना (यूबीटी) और के राधाकृष्णन – सीपीआई(एम) शामिल हुए।
संविधान पर बहस की बनी सहमति
वहीं इस बैठक में दोनों पक्षों (सरकार और विपक्ष) में गतिरोध खत्म करने के साथ संविधान पर बहस की भी सहमति बन गई है। जबकि संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के अनुसार, 13 और 14 नवंबर को लोकसभा में और 16-17 नवंबर को राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा होगी। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कल से संसद के सुचारु तरीके काम करने की उम्मीद जताई है।
‘मंगलवार से अपना काम शुरू करेगी संसद ‘
वहीं समाजवादी पार्टी को लोकसभा में संभल मुद्दे और बांग्लादेश में तृणमूल कांग्रेस की घटनाओं को उठाने की अनुमति भी दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि विपक्ष चाहता है कि नियमित संसदीय कार्यवाही को फिर से शुरू करने पर सहमति जताने से पहले संविधान पर चर्चा की तारीखों की आधिकारिक घोषणा हो। एक सूत्र ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि संसद मंगलवार से अपना काम शुरू कर देगी। सकारात्मक बातचीत हुई है।’