Monday, November 25, 2024 at 5:30 AM

‘पीएम मोदी ने बदल दी राजनीति की परिभाषा, ‘नमो नवमतदाता’ अभियान के शुभारंभ पर बोले जेपी नड्डा

भारत की करीब 61 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। यह हमारी ताकत, उर्जा और संपत्ति है। यह विकसित भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह बात शनिवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्यालय पर ‘नमो नवमतदाता’ अभियान के शुभारंभ के मौके पर पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा ने कही।

‘पीएम मोदी ने बदल दी राजनीति की परिभाषा’
नड्डा ने कहा, “कई लोग अक्सर कहते हैं कि राजनीति नहीं करनी चाहिए। लेकिन, आप पाएंगे कि जीवन के सभी क्षेत्रों में राजनीति है। चाहे स्थिति जो भी हो, आपको राजनीतिक होना ही होगा। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति की परिभाषा को बदल कर रख दिया है। यही वजह है कि आज विपक्ष को उठाने के लिए मुद्दे नहीं मिल रहे हैं। उन्हें कोई समस्या नहीं है।”

इंडिया गठबंधन पर साधा निशाना
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा, “जब मैंने इंडिया गठबंधन के बारे में सुना तो पूछा कि बैठक कहां हो रही है। तो पता चला कि यह एक आभासी (वर्चुअल) बैठक है। एक वर्चुअल गठबंधन एक वर्चुअल बैठक ही करेगा। वे इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री मोदी का एजेंडा विकसित भारत, युवा और महिला सशक्तिकरण, गरीबी कम करना है। लेकिन उनका (विपक्ष) एजेंडा क्या है? उनका एजेंडा मोदी हटाओ है। इंडिया गठबंधन के सिर्फ दो एजेंडे हैं- परिवार बचाओ और संपत्ति बचाओ।”

विपक्षी नेताओ के परिवारवाद पर साधा निशाना
नड्डा ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और द्रमुक नेता व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एम करुणानिधि और प्रकाश सिंह बादल जैसे विपक्षी नेता जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, वे हमेशा अपने बच्चों के सियासी भविष्य को लेकर चिंतित रहते थे। उन्होंने पूछा, क्या (समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष) अखिलेश यादव को उनकी पत्नी डिंपल यादव की लोकसभा सदस्यता की चिंता नहीं है?

‘जमानत पर बाहर हैं सोनिया-राहुल’
उन्होंने आगे कहा, ‘ये सभी नेता केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का सामना कर रहे हैं।’ नड्डा ने आरोप लगाया कि वे (विपक्षी नेता) भ्रष्टाचार करते हैं। लेकिन, जांच एजेंसियों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने कहा, (पीएम) मोदी ने ‘सबका-सबका विकास’ पर जोर देते हुए राजनीति की परिभाषा बदल दी है और विपक्षी दलों को बिना किसी मुद्दे के छोड़ दिया है।

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