म्युचुअल फंड में एसआईपी करने का कोई समय नहीं है। अगर इसका पालन आपने कर लिया तो एसआईपी से अच्छा खासा रिटर्न मिल सकता है। बैंक जमा या अन्य सरकारी योजनाओं को पीछे छोड़ने में कारगर साबित होता है।
सोने पर सुहागा तब होता है, जब आप गिरते हुए बाजार में निवेश करें क्योंकि यही वह समय होता है, जब खुदरा निवेशक डर या घबराहट के कारण अपना निवेश या तो निकाल लेते हैं या एसआईपी बंद कर देते हैं।
जो निवेशक इससे बच गया, वह सबको पीछे छोड़ देता है। जब भी बाजार में भारी गिरावट रही है, उस समय जिस निवेशक ने भी एसआईपी शुरू किया, उसे अच्छा फायदा मिला है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि मई में फंड उद्योग में एसआईपी से मासिक 14,700 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया है। पहले लंबे समय तक 14,000 करोड़ का मासिक निवेश हुआ है, लेकिन मई में इसने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। 16% का रिटर्न मिला है 31 अगस्त, 2007 से 31 अगस्त, 2010 तक एसआईपी में बने रहने पर