पुंछ में भारतीय सेना के वाहन पर हमला करने के लिए पाकिस्तान के आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ की जम्मू-कश्मीर में सक्रिय प्रॉक्सी विंग ‘पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट’ (पीएएफएफ) ने चीन में निर्मित स्टील की गोलियों का इस्तेमाल किया है।
सुरक्षा एजेंसियों के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया है कि आतंकियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही स्टील की गोलियां यानी ‘आर्मर पियर्सिंग इन्सेंडरी’ (एपीआई) का निर्माण चीन में हो रहा है।
2017 में पुलवामा के लेथपोरा में स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में भी जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने ‘आर्मर पियर्सिंग इन्सेंडरी’ का इस्तेमाल किया था। स्टील की गोली का वार झेलने की क्षमता ‘लेवल-4’ बुलेटप्रूफ कवच में होती है।
7.62 एमएम स्टील कोर की गोलियां चीन में निर्मित हैं। वहां से इन गोलियों को पाकिस्तान लाया जाता है। उसके बाद वहां के सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा, आईएसआई की मदद से स्टील की गोलियों को सीमा पार भेजने का प्रयास करते हैं।
आतंकी समूह इसका इस्तेमाल निकट की लड़ाई में करते हैं। महज कुछ मीटर दूरी से एके-47 या इसी सीरिज की किसी दूसरी राइफल से इसका फायर किया जाता है।