अमेरिका की पहल पर मंगलवार से शुरू हो रहे तीन के समिट ऑफ डेमोक्रेसीज (लोकतंत्र शिखर सम्मेलन) से अमेरिका और चीन के बीच इस समय चल रहे वैचारिक संघर्ष के और तीखा रूप ले लेने का अंदेशा है।
सम्मेलन में 121 देश आमंत्रित किए गए हैं। पहला डेमोक्रेसी समिट दिसंबर 2021 में हुआ था, जिसमें 113 देशों ने हिस्सा लिया था। सम्मेलन को ज्यादातर आमंत्रित नेता वर्चुअल (ऑनलाइन) माध्यम से संबोधित करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सत्ता में आने के बाद से इस समय दुनिया में चल रहे टकराव को लोकतंत्र बनाम तानाशाही के संघर्ष के रूप में पेश किया है। बाइडन ने इस बार अमेरिका के साथ चार देशों को सह-मेजबान बनाया है।
चीन को तानाशाही देश बता कर बाइडन उसे और उसके साथी देशों को घेरने की रणनीति के तहत इस शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। चीन पिछले गुरुवार को एक अलग सम्मेलन आयोजित किया था।सम्मेलन को संबोधित करते हुए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की पोलित ब्यूरो के सदस्य ली शुलेई ने कहा- अमेरिका स्वयंभू जज के रूप काम करते हुए यह तय कर रहा है ।