सर्दियों में लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। नदी में लगातार घटता जलस्तर इस ओर संकेत दे रहा है। गौला नदी से क्षेत्र की चार प्रमुख नहरों से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है।
नदी का जलस्तर कम होने से नहरों में अभी से रोस्टिंग शुरू हो गई है। नहर को चौथे दिन पानी मिल पा रहा है। अब तक गौला का अधिकतम जलस्तर 466 क्यूसेक दर्ज किया गया है। जो कि अन्य वर्षों के मुकाबले 150 क्यूसेक तक कम है।
स्थिति यह है कि सिंचाई विभाग को अभी से नहरों में पानी की रोस्टिंग करनी पड़ रही है। आगामी दिनों में सिंचाई और पेयजल को लेकर बड़ी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। नवंबर माह में ही जलस्तर में आई कमी से सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है।
सिंचाई विभाग को नहरें चलाने के लिए 360 क्यूसेक पानी की जरूरत हर रोज होती है। अलावा 30 क्यूसेक पानी रोजाना पेयजल के लिए जल संस्थान को दिया जाता है। पहाड़ों से नदी में आने वाला सारा पानी गौला बैराज से ही गायब हो जा रहा है।हल्द्वानी के साथ ही कालाढूंगी रोड, लालकुआं, रामपुर रोड व गौलापार क्षेत्र की सिंचाई व्यवस्था भी गौला नदी पर निर्भर है।