इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले के केस में अब पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की भी एंट्री हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के पुलिस प्रमुख फैसल शाहकर को 24 घंटे के भीतर मामले में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि अभी तक मुकदमा क्यों नहीं लिखा गया। अगर ऐसा ही रहा तो सुप्रीम कोर्ट मामले का स्वतः संज्ञान लेगा। बता दें कि 3 नवंबर को पीटीआई के मार्च के दौरान हुए जानलेवा हमले में इमरान खान के पैर पर गोली लग गई थी। इस घटना में एक की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हो गए थे।
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने पूछा, “हमें बताएं कि प्राथमिकी कब दर्ज की जाएगी? प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का एक ठोस कारण होना चाहिए।” सीजेपी ने आईजी को मामले की जांच के लिए अधिकारियों को बुलाने का निर्देश देते हुए कहा, “कानून के अनुसार काम करना है, अदालत आपके साथ है।”
आईजी शाहकर जिन्होंने पंजाब सरकार से अलग होने का फैसला किया है और मुख्यमंत्री परवेज इलाही के नेतृत्व में मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था के साथ काम करने से इनकार कर दिया है, ने अदालत को सूचित किया कि “हमने प्राथमिकी दर्ज करने के संबंध में पंजाब के सीएम से बात की है लेकिन उन्होंने कुछ आपत्तियां व्यक्त की हैं।”
शाहकर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब ने “चार साल में आठ आईजी” देखे हैं। सीजेपी ने प्रांतीय पुलिस प्रमुख को आश्वासन दिया कि जब तक वह आईजी के पद पर तैनात हैं, तब तक कोई भी उनके काम में हस्तक्षेप नहीं करेगा। कहा, “आईजी साहब, आप अपना काम करो। अगर कोई हस्तक्षेप करता है, तो अदालत उनके काम में हस्तक्षेप करेगी।”
गौरतलब है कि बीते 3 नवंबर को पंजाब के वजीराबाद में पार्टी के लंबे मार्च का नेतृत्व करते हुए इमरान खान पर जानलेवा हमला हुआ था। इस घटना में पीटीआई समर्थक मुअज्जम नवाज की मौत हो गई थी, जबकि इमरान सहित 14 अन्य घायल हो गए थे।
दरअसल, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) उमर अता बंदियाल ने इमरान खान पर हुए जानलेवा हमले में प्राथमिकी दर्ज नहीं होने पर स्वत: संज्ञान लेने की चेतावनी दी। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, सीजेपी ने पंजाब के महानिरीक्षक (आईजी) फैसल शाहकार से भी पूछा कि मामले में प्राथमिकी दर्ज क्यों नहीं की गई?