पिछले कारोबारी सत्र में टेक शेयरों में जोरदार गिरावट के कारण अमेरिकी शेयर बाजार कमजोरी के साथ बंद हुए, लेकिन डाओ फ्यूचर्स से लगातार तेजी के रुझान मिलते रहे।तेल की कीमतें 90 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 94 डॉलर प्रति बैरल हो जाने से रुपये में बढ़ोतरी पर रोक लग सकती है.
पिछले कारोबारी सत्र के दौरान टेक शेयरों की कमजोरी के कारण नैस्डेक 2 प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क गया। इस इंडेक्स में 228 अंक की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह एसएंडपी 500 इंडेक्स 28 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ।फिनलेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स के अनिल कुमार भंसाली के अनुसार डॉलर के कमजोर होकर 110 के लेवल के पार जाने के कारण रुपये को मजबूती मिली।
अमेरिकी बाजार में लिस्टेड टेक कंपनियां के नतीजों में आई गिरावट की वजह से इस सेगमेंट के ज्यादातर शेयर बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। माइक्रोसॉफ्ट के शेयर 8 प्रतिशत गिर गए, स्पॉटिफाई के शेयरों में 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।डॉलर में आई इस गिरावट का कारण अमेरिका में नवंबर महीने में ऊंची महंगाई दरों के बावजूद ब्याज दरों में हुई मामूली वृद्धि है। डॉलर इंडेक्स छह करेंसीज के बास्केट में 0.06 प्रतिशत की मजबूती के साथ 109.76 के स्तर पर बंद हुआ।