पाकिस्तान को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पढ़ रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार धीरे -धीरे खत्म होता जा रहा है।पाकिस्तान के हालात तो श्रीलंका से भी ज्यादा बदतर हो सकते हैं.
क्योंकि एक तरफ जहां उस पर कर्जा का बोझ बढ़ता जा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर उसका विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खाली होता जा रहा है। एक तरफ श्रीलंका की आर्थिक बदहाली की गवाह पूरी दुनिया बन गयी है।
देश में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए। देश भयानक आर्थिक संकट से झूझ रहा है।लोगों का जरुरत की चीजों को खरीदना भी मुश्किल हो गया है।
अब ऐसी ही स्थिति का अंदेशा एक पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लिए भी लगया जा रहा है। पाकिस्तान में हालत इससे भी ज्यादा गंभीर हो सकते है। एक तरफ पाकिस्तान विदेशी कर्ज बढ़ा रहा है तो वहीं दूसरे और विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम होता जा रहा है। पाकिस्तान का विदेशी कर्ज तेजी से बढ़ रहा है।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तीन तिमाही में पाकिस्तान का विदेशी कर्ज पहले के मुकाबले बढ़कर 10.886 अरब डॉलर का हो गया है। जबकि पूरे 2021 के वित्त वर्ष में यह विदेशी कर्ज 13.38 अरब डॉलर था।