मध्य प्रदेश में 2023 में होने वाले चुनाव को लेकर सियासत शुरू हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने दांव पेंच खेलने शुरू कर दिए हैं. मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी लगातार वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े इवेंट कर रही है.
भोपाल को होर्डिंग, बैनर-पोस्टर से दुल्हन की तरह सजा दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को आठ घंटे भोपाल में रहेगें. वो सबसे बड़े मेगा शो कार्यक्रम वन समितियों के सम्मेलन में शामिल होगें.
इसके साथ ही जिला पुलिस, क्यूआरएफ, एसएएफ, एसटीएफ समेत पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात किया गया है. अमित शाह का काफिला शहर में जहां-जहां से भी गुजरेगा ट्रैफिक पुलिस बैरिकेड लगाकर उन रास्तों को बंद कर दिया गया है.
मध्य प्रदेश के राजनीतिक पंडित अमित शाह के दौरे के सियासी मायने निकाल रहे हैं. 2018 के परिणाम के बाद से बीजेपी का आदिवासी वोटों पर पूरी तरह फोकस है. आदिवासी रिजर्व 47 सीट में से सिर्फ 16 पर बीजेपी काबिज है. वहीं 2013 में बीजेपी के पास 32 सीटें थीं.
सितंबर में जबलपुर दौरे के दौरान शाह आदिवासियों को साधते नजर आए थे. गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद राजा शंकर शाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वो शामिल हुए थे.