मायावती ने भी उत्तर प्रदेश में बीएसपी की हार पर एक चिट्ठी लिख कर अपना स्पष्टीकरण दिया है. और ये चिट्ठी काफी दिलचस्प है. इसमें लिखा है कि बीजेपी के मुस्लिम विरोधी चुनाव प्रचार की वजह से 20 प्रतिशत मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी के पक्ष में एकजुट हो गए और मुस्लिम समुदाय को एकजुट देख कर हिंदू वोटरों ने भी संगठित होकर बीजेपी को वोट दिया. जिससे बीजेपी जीत गई और बाकी पार्टियां हार गईं.
उत्तर प्रदेश में केवल एक सीट मिलने के बावजूद मायावती वही गलती दोहरा रही हैं, जिसकी वजह से उनकी पार्टी का ये हाल हुआ है. ये बात हम आपको लगातार कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने जातिगत राजनीति के बंधन को तोड़ दिया है.
वर्ष 1980 के उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 309 सीटें जीती थीं. यानी उस समय वो एक की तरह आसमान में थी. लेकिन इसके बाद वो धीरे-धीरे नीचे आती गई.
वर्ष 1993 में समाजवादी पार्टी ने भी अपनी पहली उड़ान एक Parachute की तरह 109 सीटों के साथ भरी थी. लेकिन वर्ष 2012 में जब मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया, उसके बाद समाजवादी पार्टी भी नीचे आती चली गई.
जबकि बीजेपी Grassrooters की तरह नीचे से ऊपर गई. 1980 के चुनाव में बीजेपी उत्तर प्रदेश में 11 सीटें जीती थी. लेकिन आज वो 11 सीटों से 255 सीटों पर पहुंच गई है.