नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले दक्षिण अफ्रीका के आर्चबिशप रह चुके डेसमंड टूटू का रविवार को 90 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद विरोधी प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
टूटू के निधन पर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने दुख जताया है। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने रविवार को टूटू के निधन की जानकारी देते हुए कहा कि आर्चबिशप एमेरिटस डेसमंड टूटू का निधन दक्षिण अफ्रीका की एक बहादूर पीढ़ी की समाप्ति है जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ संघर्ष कर हमें एक नया दक्षिण अफ्रीकी दिया।
डेसमंड टूटू को भारत में भी गांधी शांति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। दो वर्ष के बाद 1986 में वे केपटाउन के पहले आर्चबिशप बनाए गए। अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस की सरकार से बातचीत के बाद 1990 में नेल्सन मंडेला जेल से रिहा किए गए और रंगभेद के कानून को खत्म किया गया।
डेसमंड टूटू के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गहरा दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि टूटू विश्व स्तर पर अनगिनत लोगों के लिए एक मार्गदर्शक थे।