छत्तीसगढ़ और दिल्ली की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में भी छात्रों को प्रकृति, समाज और देश के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू करने की तैयारी चल रही है.
राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थानमें छह दिवसीय वर्कशॉप में भाग लेने आए राज्य प्रभारी सौरभ मालवीय ने पीटीआई को बताया कि उत्तर प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोर्स को विकसित किया जा रहा है.
मालवीय ने कहा कि 1 से 8 तक के छात्रों के लिए हैप्पीनेस करिकुलम ऑफर किया जाएगा. यह उन्हें अपने, परिवार, समाज, प्रकृति और देश से जुड़ने में सक्षम बनाएगा. इससे उन्हें इंटररिलेशनशिप को समझने में भी मदद मिलेगी, मालवीय ने कहा, बच्चों को मेडिटेशन भी सिखाया जाएगा.
शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 1 लाख 30 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं जहां सात लाख शिक्षक कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के मूल्यांकन के आधार पर राज्य सरकार सभी स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम लागू करने पर विचार कर सकती है.