TOPSHOT - A man wearing a mask walks past the Regional Science Centre in Oldham, Lancashire on March 26, 2020, during a country-wide lockdown to slow the spread of the novel coronavirus COVID-19. (Photo by Oli SCARFF / AFP) (Photo by OLI SCARFF/AFP via Getty Images)

दुनियाभर में पिछले एक साल में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने जबरदस्त कहर मचाया। हालांकि, जैसे-जैसे कोरोना के इस स्वरूप का खतरा कम हुआ, वैसे ही कोरोना के और ज्यादा परिष्कृत रूप ‘ओमिक्रॉन वैरिएंट’ ने भी दुनिया को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है।

दक्षिण अफ्रीका के बाद ब्रिटेन, यूरोप और अमेरिका में इस नए स्वरूप से संक्रमित मिलने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे लेकर वैज्ञानिकों ने रिसर्च शुरू ही की थी कि अब एक नए डरावने सवाल ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया है।

इसी हफ्ते ब्रिटिश संसद की विज्ञान और प्रौद्योगिकी कमेटी के सामने पेशी के दौरान डॉक्टर बर्टन ने कहा कि कोरोना के दोनों खतरनाक वैरिएंट (डेल्टा और ओमिक्रॉन) के मिलने से एक जबरदस्त घातक सुपर वैरिएंट के पैदा होने का खतरा है। यह वैरिएंट तब अस्तित्व में आ सकता है, जब कोई व्यक्ति एक साथ दोनों मौजूदा स्वरूपों से संक्रमित हो जाए।

डॉक्टर बर्टन ने कहा- “इस बारे में डेटा मौजूद है। दक्षिण अफ्रीका से भी इस बारे में कुछ पेपर पब्लिश हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को वायरस के दो स्वरूपों से संक्रमित पाया जा सकता है।”