वायनाड : केरल के वायनाड जिले के लोग इस साल की जुलाई को कभी भुला नहीं पाएंगे। जब यहां मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। आज इसी जिले में लोकसभा उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में जब आपदा में जिंदा बचे लोग मतदान केंद्र पर पहुंचे तो एक अलग ही भावुक करने वाला नजारा दिखा। लोगों ने लंबे समय बाद अपने पड़ोसियों और करीबी दोस्तों को देखा।
एक-दूसरे को गले लगाया
आपदा में बचे हुए लोगों ने खुशी के साथ एक-दूसरे को गले लगाया। इस दौरान उनकी आंखों में आंसू छलक आए। उन्होंने याद किया कि कैसे वे सभी एक बड़े खुशहाल परिवार के रूप में एक साथ रहते थे। मगर भूस्खलन 30 जुलाई को सब कुछ बहा ले गया।
‘धर्मों की परवाह किए बिना हर त्योहार साथ मनाते थे’
एक बुजुर्ग यह बताते हुए रो पड़े कि कैसे पुंचिरिमट्टम, चूरलमाला और मुंदक्कई गांवों के निवासी अपने धर्मों की परवाह किए बिना हर त्योहार एक साथ मनाते थे। मगर भूस्खलन के कारण ये तीनों गांव पूरी तरह से तबाह हो गए। भूस्खलन प्रभावित वोटरों को मतदान केंद्रों तक पहुंचाने के लिए बस में मिले उनके दोस्त ने उन्हें गले लगाया और सांत्वना देते हुए कहा, ‘रोओ मत, सब ठीक हो जाएगा।’
वहीं एक अन्य महिला ने कहा कि भूस्खलन के बाद बचे हुए लोगों को जिले के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित कर दिया गया या उनका पुनर्वास किया गया है। इसलिए जब भी हम लोग एक दूसरे से मिलते तो सबसे पहले यही पूछते हैं कि आप कहां रह रहे हैं, ना कि आप कैसे रह रहे हैं।