Sunday, November 24, 2024 at 8:46 AM

इस छोटे से देश ने ताइवान को दिया बड़ा झटका, ताइपे से संबंध तोड़ करेगा चीन से दोस्ती

नाउरू ने ताइवान के साथ राजनयिक संबंध समाप्त करने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि वह ताइवान का साथ छोड़कर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब स्वशासित ताइवान को लेकर चीन के बढ़ते आक्रामक रुख समेत कई मामलों पर चीन एवं अमेरिका के बीच तनाव बढ़ रहा है। छोटे प्रशांत द्वीप राष्ट्र की सरकार ने सोमवार को कहा कि देश और उसके लोगों के हित में वह चीन के साथ राजनयिक संबंधों की पूर्ण बहाली की मांग कर रही है।

कोई आधिकारिक संबंध नहीं कर सकेगा स्थापित
नाउरू के इस फैसले का मतलब होगा कि वह अब ताइवान को एक अलग देश के रूप में मान्यता नहीं देगा। बल्कि चीन के एक अविभाज्य हिस्से के रूप में इसे जानेगा। इसके अलावा, वह ताइवान के साथ राजनयिक संबंधों को पूरी तरह से तोड़ देगा और अब ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या संपर्क स्थापित नहीं करेगा।

केवल 12 देशों की मान्यता
वही, नाउरू के इस कदम के बाद ताइवान के पास ग्वाटेमाला, पराग्वे, इस्वातिनी, पलाऊ और मार्शल द्वीप समेत केवल 12 देशों की मान्यता रह जाएगी।

मुट्ठी भर देशों पर छींटाकशी जारी रखेगा चीन
चीन हमेशा दावा करता है कि ताइवान उसका है। इसी को लेकर विवाद जारी है। चुनाव से पहले ताइवान के सुरक्षा अधिकारियों ने कहा था कि चीन उन मुट्ठी भर देशों पर छींटाकशी जारी रख सकता है, जिनके ताइपे के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध हैं। बता दें, ताइवान की सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीपीपी) के लाई चिंग-ते ने शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया और वह 20 मई को पदभार ग्रहण करेंगे। चुनाव से पहले चीन ने लाई को खतरनाक अलगाववादी कहा था।

पिछले साल होंडुरास ने छोड़ा था ताइवान का साथ
इससे पहले, पिछले साल मार्च में होंडुरास ने ताइवान के साथ संबंध समाप्त करने के बाद चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित कर लिए थे। होंडुरास के साथ संबंधों को लेकर यह घोषणा ऐसे समय में की गई थी।होंडुरास ने कहा था, ‘ताइवान चीनी क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है और होंडुरास सरकार ने राजनयिक संबंधों को समाप्त करने के बारे में ताइवान को सूचित किया है। उसने ताइवान के साथ कोई आधिकारिक संबंध या संपर्क स्थापित नहीं करने का संकल्प लिया।’ ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वु ने बताया था कि ताइवान ने ‘अपनी संप्रभुता एवं गरिमा की रक्षा’ के लिए होंडुरास के साथ अपने संबंधों को समाप्त कर लिया है। दोनों पक्षों के बीच संबंध 80 वर्ष से अधिक समय तक रहे।

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