बॉम्बे हाई कोर्ट हाल ही में हिंदी फिल्म ‘इन गलियों में’ को लेकर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से नाराज नजर आया। फिल्म के संवादों पर उठाए गए सवालों को लेकर कोर्ट ने सीबीएफसी को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि फिल्म को देखे बिना ही आपत्ति उठाना गलत है। अदालत ने निर्देश दिया कि सीबीएफसी को पहले फिल्म को पूरी तरह से देखना चाहिए और फिर कोई फैसला लेना चाहिए।
अदालत ने लगाई फटकार
मामला तब सामने आया जब फिल्म निर्माता विनोद कुमार ने सीबीएफसी की ओर से फिल्म के सेंसर सर्टिफिकेट को रोकने के खिलाफ याचिका दायर की। सीबीएफसी ने फिल्म के एक विशेष संवाद, ‘जीतेंगे तो रम चलेगा, हारेंगे तो बम चलेगा’ पर आपत्ति जताई थी। इस पर अदालत ने गहरी आपत्ति जताई।
हाई कोर्ट ने दिए ये निर्देश
हाई कोर्ट की एकल पीठ ने सीबीएफसी को निर्देश दिया कि वह फिल्म को देखे और दो सप्ताह के अंदर निर्णय लेकर फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट जारी करे। सीबीएफसी ने इस फिल्म के 13 संवादों पर आपत्ति जताई है। हालांकि, फिल्म के निर्माताओं इनमें से केवल पांच संवाद हटाने के लिए राजी हैं। निर्माताओं का कहना है कि फिल्म के प्रमुख संवाद को हटाने से इसकी आत्मा मर जाएगी।
अब इस दिन होगी मामले की सुनवाई
अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी। इन गलियों में की बात करें तो फिल्म में विवान शाह, अवंतिका दसानी और जावेद जाफरी जैसी सितारे नजर आने वाले हैं। इसका निर्देशन अविनाश दास ने किया है। यह फिल्म 28 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए प्रस्तावित है।