Friday, November 22, 2024 at 1:41 PM

जनता ने जिंदा फूंक दिया था तीन सिपाहियों और दरोगा को, छीन लिया रिवाल्वर, गंगा में बहा दी लाशें

वाराणसी:  अगस्त क्रांति के दौरान बनारस में हुए आंदोलन ने ब्रितानिया हुकूमत की नींव हिलाकर रख दी थी। धानापुर कांड ने पूरे पूर्वांचल में स्वतंत्रता की अलख भले ही जगाई, लेकिन इतिहास के पन्नों में उसे चौरीचौरा कांड की तरह जगह नहीं मिल सकी। तहसील चंदौली के धानापुर थाने पर तिरंगा फहराने के दौरान जनता ने थाने के साथ ही दरोगा और तीन सिपाहियों को फूंक दिया था।

26 साल पहले बनारस जिले की तहसील चंदौली में अगस्त क्रांति के दौरान उठी चिंगारी ने आजादी का मार्ग प्रशस्त किया था। अधिवक्ता अरुण पांडेय व नित्यानंद राय ने बताया कि 16 अगस्त 1942 को थाना धानापुर पर तिरंगा फहराने का सत्याग्रहियों ने निर्णय लिया। तय हुआ था कि एक बजे सभी लोग बाजार में इकट्ठा होंगे, सुमेर हलवाई को सबके लिए खाने का इंतजाम करना था। लल्लन सिंह बाजार में दस बजे ही पहुंच गए थे। कामता प्रसाद विद्यार्थी करीब बारह बजे वहां पहुंचे। जनता का भारी हुजूम जमा था।

कामता प्रसाद विद्यार्थी दरोगा से बात कर रहे थे और दरोगा भी थाने पर झंडा फहराने के लिए राजी था। योजना के अनुसार पश्चिम की दिशा से लल्लन सिंह ने प्रवेश किया जबकि विद्यार्थी जी पूरब दिशा से घुसे थे। जुलूस जब थाने पहुंचा और झंडा फहराने की बात हुई तो उसने साफ मना कर दिया। थानेदार के साथ 54 चौकीदार, चार सिपाही और एक दीवान था।

लल्लन सिंह के हाथ से तिरंगा छीनकर विद्यार्थी जी थाने के भीतर दौड़ पड़े। इसके बाद अचानक दरोगा ने गोली चला दी। गोली विश्वनाथ गुप्ता के पैर में व सत्यनारायण सिंह के हाथ में लगी। उनके हाथ से खून गिरने लगा वह खून लल्लन सिंह के ऊपर भी गिर रहा था। दरोगा की गोली लगने से विद्यार्थी जी. हीरा सिंह, रघुनाथ सिंह, सीताराम कोईरी, रामासिंह, विश्वनाथ गुप्ता व सत्यनारायण सिंह शहीद हो गए।

छीन लिया रिवाल्वर, गंगा में बहा दी लाशें
दरोगा का रिवाल्वर हरिहंगी सिंह उर्फ हरिसिंह ने छीन लिया। द्वारिका सेठ और रामलगन कलवार ने बोरे में लाशों को भर दिया। गंगा में बाढ़ आई हुई थी। भीड़ लाशों को लेकर नरौली पहुंच गई और सभी लाशों को गंगा में बहा दिया गया। लाशों का कहीं पता तक नहीं चला। घटना के बाद पूरे परगना में भगदड़ मच गई। गांव के गांव फूंके जाने लगे। रामपुर और माझा गांव को पूरी तरह से फूंक दिया गया। लल्लन सिंह का घर जमींदोज कर दिया गया।

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