नया टैक्स स्लैब दो साल बाद भी व्यक्तिगत करदाताओं को लुभाने में नाकाम रहा। 31 जुलाई, 2022 तक 5.83 करोड़ व्यक्तिगत करदाता आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर चुके हैं।
इनमें नया टैक्स स्लैब चुनने वालों की संख्या नगण्य रही। नए स्लैब के प्रति आयकरदाताओं को आकर्षित करने के लिए सरकार बजट में कर दरों में बदलाव कर सकती है।
2014-15 के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। उस समय यह लिमिट दो लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की गई थी। महंगाई और कोरोना महामारी के बाद बचत की बढ़ी जरूरत को देखते हुए सरकार बेसिक लिमिट को बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर सकती है।
आयकर कानून की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट को लेकर वर्षों से कोई घोषणा नहीं हुई है। कर संग्रह के मोर्चे पर चालू वित्त वर्ष अच्छा रहने की वजह से सरकार 80सी के तहत छूट की सीमा को 1.50 लाख से बढ़ाकर 2.50 लाख रुपये कर सकती है।