भारत वित्त वर्ष 2026 में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। भारतीय अर्थव्यवस्था को खपत में वृद्धि, बैंकों, कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट से मदद मिलेगी। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को कहा कि देश वित्त वर्ष 2026 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आरबीआई ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि मुद्रास्फीति के अनुकूल दिशा में जाने और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में “धीमी गति” को देखते हुए मौद्रिक नीति को आगे चलकर विकास के लिए सहायक बनाया जाना चाहिए।
आरबीआई ने नवीनतम रिपोर्ट में कहा, “…भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे, मजबूत वित्तीय क्षेत्र और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता का लाभ उठाकर 2025-26 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।”
केंद्रीय बैंक ने अपनी रिपोर्ट में वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता, भू-राजनीतिक तनाव, दुनियाभर के देशों के बीच व्यापार में कमी, आपूर्ति-शृंखला में व्यवधान और जलवायु से जुड़ी अनिश्चितताओं को विकास के लिए जोखिम बताया है।
हालांकि, केंद्रीय बैंक ने कहा कि आपूर्ति-शृंखला पर दबाव में कमी, वैश्विक कमोडिटी कीमतों में नरमी और सामान्य से बेहतर दक्षिण-पश्चिम मानसून के कारण कृषि उत्पादन में वृद्धि जैसे कारक मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण से अच्छे संकेत साबित हो सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ नीतियों में बदलाव के परिणामस्वरूप वित्तीय बाजारों में अस्थिरता की छिटपुट घटनाएं हो सकती हैं, और निर्यात को “अंतर्मुखी नीतियों और टैरिफ युद्धों” के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।