Thursday, December 12, 2024 at 5:12 PM

राम गोपाल वर्मा को कैसी लगी ‘पुष्पा 2’? बोले- मुझे माफ करना अल्लू अर्जुन, लेकिन…

राम गोपाल वर्मा ने हाल ही में एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पुष्पा 2: द रूल के नायक पुष्पा राज के किरदार पर अपनी समीक्षा साझा की। हालांकि, इस बार उन्होंने फिल्म की कहानी पर नहीं, बल्कि अल्लू अर्जुन के निभाए गए किरदार पर अपना ध्यान केंद्रित किया। फिल्मकार ने इस किरदार की जमकर सराहना की और बताया कि किस तरह निर्देशक सुकुमार ने इसे बहुत बारीकी से लिखा।

पुष्पा के किरदार पर राम गोपाल वर्मा की राय
राम गोपाल वर्मा ने समीक्षा करते हुए लिखा, “भारतीय सिनेमा में इस तरह के स्पष्ट रूप से उकेरे गए किरदार को देखना बेहद दुर्लभ है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अल्लू अर्जुन ने अपने स्टारडम को दरकिनार करते हुए इस किरदार को पूरी तरह से अपनाया और उसे जीवंत किया। उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “जब मैंने पुष्पा जैसा किरदार देखा तो मुझे लगा कि ऐसा किरदार असल जिंदगी में भी हो सकता है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।”

रामू को किरदार में दिखीं ये चीजें
राम गोपाल वर्मा ने इस किरदार में भोलेपन के साथ चालाकी का मिश्रण भी पाया। साथ ही, उन्हें इस किरदार में सुपर इगो के साथ संवेदनशीलता भी नजर आई। उन्होंने इसका उल्लेख करते हुए लिखा, “मैं कभी नहीं मानता था कि कोई विकृत व्यक्ति सुपर एक्शन हीरो हो सकता है, क्योंकि एक सुपर हीरो को सैद्धांतिक रूप से परफेक्ट होना चाहिए, लेकिन पुष्पा के किरदार में अल्लू अर्जुन ने उस विकृति को एक ताकत बना दिया, जिससे एक नया और मजबूत बॉडी लैंग्वेज और हाव-भाव उत्पन्न हुआ, जो दर्शकों के दिलों में दशकों तक याद रखा जाएगा।”

अल्लू अर्जुन की परफॉर्मेंस की तारीफ
फिल्मकार ने अल्लू अर्जुन की अदाकारी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा, “अल्लू अर्जुन ने अपनी परफॉर्मेंस में ‘ओवर द टॉप’ नहीं किया, जो कि बिल्कुल परफेक्ट था। इससे कुछ काल्पनिक दृश्य भी वास्तविक लगने लगे। इस तरह की चीजों से यह कहना मुश्किल हो जाता है कि क्या किरदार से फिल्म आगे बढ़ रही है या फिल्म से किरदार। राम गोपाल वर्मा ने यह भी कहा कि अल्लू अर्जुन की परफॉर्मेंस सिर्फ उनके बॉडी लैंग्वेज तक सीमित नहीं रही, बल्कि इसके जरिए उन्होंने अपने गहरे भावनाओं को भी सामने रखा।

खास अंदाज में समीक्षा का किया समापन
राम गोपाल वर्मा ने अपनी समीक्षा को अपने विशेष अंदाज में समाप्त किया। उन्होंने लिखा, “मुझे माफ करना लेकिन मुझे यह कहना पड़ रहा है कि पुष्पा के किरदार का आनंद लेने के बाद मुझे लगता है कि असल अल्लू अर्जुन भी इस किरदार के मुकाबले कुछ कम रह जाएंगे।”

Check Also

‘बहुत मुश्किल था ऐसा करना’, फिल्म ‘फायर’ में नंदिता दास के साथ इंटीमेट सीन पर बोलीं शबाना आजमी

फिल्म ‘फायर’ (1996) को बॉलीवुड की ऐसी पहली फिल्म माना जाता है, जिसमें समलैंगिक संबंधों …