मैक्सिको में रविवार को इतिहास में पहली बार न्यायिक चुनाव हो रहे हैं, जिसने देश में विवाद खड़ा कर दिया है। इसने उन मतदाताओं को उलझन में डाल दिया है, जो अब भी इस प्रक्रिया को समझने की कोशिश कर रहे हैं। इस नए बदलाव से देश की अदालत प्रणाली पूरी तरह बदल सकती है।

पिछले साल के अंत में मेक्सिको की सत्तारूढ़ पार्टी मोरेना ने अदालत प्रणाली में बड़े बदलाव किए थे। इसका विरोध करते हुए कई लोगों ने आरोप लगाया कि सरकार अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करके न्यायपालिका पर कब्जा करना चाहती है, जो अब तक उसके नियंत्रण से बाहर रही है।

कानूनी संगठन ‘ज्यूसिओ जस्तो’ की निदेशक लॉरेंस पातिन ने कहा, यह अदालत प्रणाली को अपने काबू में करने की कोशिश है। न्यायपालिका अब तक सत्ता वालों की आंख की किरकिरी बनी हुई थी। मगर एक मजबूत लोकतंत्र में यही संतुलन बनाए रखने का जरिया होता है। अब तक न्यायाधीशों की नियुक्ति उनके अनुभव और योग्यता के आधार पर होती थी, लेकिन इस बार करीब 7,700 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिनमें से 2,600 से ज्यादा न्यायिक पदों के लिए जनता वोट डालेगी।

राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम और उनकी पार्टी का कहना है कि यह चुनाव न्याय व्यवस्था से भ्रष्टाचार को खत्म करने की दिशा में एक कदम है, क्योंकि देश लंबे समय से अपराधियों को सजा ना मिल पाने की समस्या से जूझ रहा है। लेकिन आलोचक कहते हैं कि इससे लोकतंत्र कमजोर होगा और अपराधी व भ्रष्ट ताकतें न्यायपालिका में घुसपैठ कर सकती हैं।