
बताया जा रहा है कि खंडपीठ संभवत: सीबीआइ के कार्यकारी निदेशक एम। नागेश्वर राव की रिपोर्ट की भी जांच करेगी। यह रिपोर्ट भी विगत 23-26 अक्टूबर के दरमियान सुप्रीम न्यायालय को एक सीलबंद लिफाफे में प्रदान की गई थी। आलोक वर्मा की याचिका के अतिरिक्त न्यायालय के समक्ष एनजीओ कामनकाज की एक जनहित याचिका भी लंबित है, इस याचिका में सीबीआइ अफसरों के विरूद्ध विशेष जांच दल से जांच कराने के लिए न्यायालय से आग्रह किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र, सीबीआइ, सीवीसी, सीबीआइ के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा व कार्यकारी निदेशक राव को नोटिस जारी करते हुए 12 नवंबर को अपना बयान दर्ज कराने के आदेश दिए था। इसी दिन सीवीसी ने सुप्रीम न्यायालय में अपनी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट सौंपी थी। आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि सीबीआइ प्रमुख आलोक वर्मा ने उन्हें करप्शन के आरोपों में कार्यमुक्त कर छुट्टी पर भेजने के गवर्नमेंट के आदेश के विरूद्ध सुप्रीम न्यायालय में याचिका दी थी।