प्रयागराज। मुकदमों के जाल में फंसे सपा के कद्दावर नेता एवं रामपुर से सांसद Azam Khan को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने Azam Khan की बड़ी राहत देते हुए मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय से संबंधित सभी 21 मामलों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के अजीमनगर थाने में किसानों की ओर से दर्ज FIR में उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने जयाप्रदा को नोटिस जारी किया है और राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों से भी जवाब मांगा है। अब याचिका की सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान की खंडपीठ ने मोहम्मद Azam Khan व अन्य की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी व सफदर काजमी ने बताया कि रामपुर में मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर किसानों को लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रत्याशी रहीं जयाप्रदा ने उकसाकर FIR दर्ज करवाई हैं। Azam Khan के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर 29 FIR दर्ज कराई गई हैं। किसानों ने Azam Khan पर जबरन जमीन लिखवा लेने व कब्जा कर लेने का आरोप लगाया गया है। याचिका में बदले की कार्रवाई करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया है, जबकि सरकार का कहना है कि किसानों ने FIR दर्ज कराई है, जिससे सरकार का कोई सरोकार नहीं है।
85 से ज्यादा मुकदमे अब तक दर्ज
हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने सपा सांसद Azam Khan की याचिका पर सुनवाई के बाद उनके खिलाफ दर्ज 29 मामलों पर स्टे दे दिया। बताया जा रहा है कि अब इसी आधर उन्हें अन्य मामलों में भी राहत मिल सकती है।Azam Khan के खिलाफ रामपुर प्रशासन और लोगों ने 85 से ज्यादा मुकदमे अब तक दर्ज कराए हैं। इनमें भैंस चोरी, बकरी चोरी, मदरसा से किताबों की चोरी, बिजली चोरी, गैर इरादतन हत्या, लूटपाट, धोखाधड़ी सहित अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इनमे से कई मामलों में उनकी पत्नी तजीन फातिमा, दोनों बेटे और दिवंगत मां का नाम भी शामिल है। रामपुर प्रशासन उनको भू-माफिया तक घोषित कर चुका है।