Friday, November 22, 2024 at 1:03 AM

घटनास्थल से पांच किमी तक का मोबाइल डाटा डंप, CCTV फुटेज खंगालने उतरी एटीएस

कानपुर:  कानपुर-झांसी रूट पर पनकी में साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने की घटना की जांच एंटी टेररिस्ट स्क्वॉएड (एटीएस) ने भी तेज कर दी है। हादसे की तह तक पहुंचने के लिए घटनास्थल के पांच किलोमीटर के दायरे का मोबाइल डंप डाटा और सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगालने में जुट गई है।

एटीएस यह साफ करना चाहती है कि हादसे के पीछे रेलवे की चूक है या कोई साजिश। साथ ही देशभर में हुई घटनाओं में किसी एक ही पैटर्न का इस्तेमाल तो नहीं किया गया, यह भी देखा जाएगा। एटीएस ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद मौके से मिली पटरी और अन्य साक्ष्यों की जांच की।

टीम ने घटनास्थल के आसपास के गांवों में घूमकर लोगों से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की कि रेल हादसे के दौरान किसी ने कुछ संदिग्ध देखा तो नहीं। स्थानीय पुलिस और रेलवे के कुछ लोगों से भी टीम ने बातचीत की है। सूत्रों के मुताबिक डंप डाटा और सीसीटीवी फुटेज खंगालने से जांच एजेंसी को घटना को समझने में मदद मिलेगी।

साथ ही, किसी संदिग्ध गतिविधि को चिह्नित करने में भी आसानी होगी। एटीएस के एक अफसर ने बताया कि आला अफसरों के निर्देश पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। मामले में रेल अधिकारियों, हादसे का शिकार हुई ट्रेन के चालक, परिचालक व गार्ड से भी बात की जाएगी। देश और प्रदेश में इस तरह के रेल हादसों के पीछे की वजह जांच में क्या आई है, इसे भी देखा जा रहा है।

एसएजी की टीम ने कई पहलुओं पर शुरू की जांच
साबरमती एक्सप्रेस के डिरेल होने के मामले में रेलवे के स्थानीय अधिकारियों के साथ ही अब सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड (एसएजी) अफसरों की पांच सदस्यीय कमेटी ने भी तहकीकात शुरू कर दी है। टीम में शामिल अधिकारी मंगलवार को मौका मुआयना कर सकते हैं।

बोल्डर से 120 टन वजनी ट्रेन का कैटल गार्ड भी टूटा
प्रारंभिक जांच में पूरा जोर पटरी के टुकड़े और ट्रैक के संपर्क पर है। समझने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर पटरी किस तरह से रखी थी, जो ट्रेन का कैटल गार्ड तक टूट गया। एसएजी के चेयरमैन प्रिंसिपल चीफ सेफ्टी ऑफिसर हैं।

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