मेरठ: मेरठ जिले के गांव पस्तरा निवासी राजपाल का सबसे छोटा बेटा ललित कुमार (20) शुक्रवार दोपहर जम्मू के पुंछ में बारूदी सुरंग फटने से बलिदान हो गया था। उसकी जम्मू के पुंछ में पहली पोस्टिंग थी। रविवार को पूरे सैनिक सम्मान के साथ ललित कुमार का अंतिम संस्कार गांव के श्मशान घाट पर किया गया। ललित कुमार के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में ग्रामीण, विभन्न राजनीतिक दलों के नेता, पुलिस प्रशासन और सेना के अधिकारी मौजूद रहे। ललित कुमार का अंतिम संस्कार सेना की देखरेख में हुआ।
ललित कुमार का शव लेकर सेना के जवान रविवार सुबह 11 बजे गांव पस्तरा पहुंचे। शव घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया। गांव की महिलाएं ललित कुमार की रोती मां सरोज को चुप कराती रहीं। मां कहती रही कि कोई मेरा लाल लौटा दे। परिजनों को दर्शन करवाने के बाद सेना के जवान ललित के पार्थिव शरीर को श्मशान घाट ले जाने लगे तो उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीण शामिल रहे। युवा तिंरगा लेकर भारत माता की जय, ललित कुमार अमर रहें के नारे लगाते हुए चल रहे थे। रास्तों में ग्रामीणों ने अपने घरों से ललित कुमार के पार्थिव शव पर पुष्प वर्षा की। अंतिम यात्रा श्मशान घाट पहुंचने पर सेना, पुलिस के अधिकारियों, सांसद, विधायकों, ग्रामीणों और परिजनों ने ललित कुमार के शव पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी।
सेना के जवानों और अधिकारियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर देने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि बड़े भाई कुलदीप ने दी। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार सिंह, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, सीओ संजय कुमार जायसवाल, सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान, पूर्व सांसद डॉ. सत्यपाल सिंह, विधायक गुलाम मोहम्मद, पूर्व विधायक जितेन्द्र सतवाई, पूर्व विधायक योगेश वर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष गौरव चौधरी, पूर्व जिला पंचायत मनिंदरपाल सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष शिव कुमार राणा, योगेन्द्र कुसैड़ी, अंकुर सांगवान, सपा नेता नदीम चौहान, सुनील रोहटा, डॉ. जेवी चिकारा, सहकारी चीनी मिल समिति मोहिउद्दीनपुर के अध्यक्ष दीपक राणा आदि मौजूद रहे।
अग्निवीर योजना के तहत हुए भारतीय सेना में भर्ती
शुक्रवार को पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास बारूदी सुरंग में हुए विस्फोट में ललित कुमार बलिदान हो गए थे। अक्टूबर 2023 में वे अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा जानी स्थित सीएलएम इंटर कॉलेज से प्राप्त की थी। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में हुई थी। पिछले छह महीनों से ललित कुमार जम्मू के पुंछ जिले में तैनात थे। नौ जुलाई को 15 दिन की छुट्टी बिताकर वे ड्यूटी पर लौटे थे, लेकिन किसे पता था कि परिवार से यह आखिरी मुलाकात थी।