भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि मौद्रिक नीति में ब्याज दरों में पहले से की गई तेज कटौती आर्थिक गतिविधियों से जुड़े लोगों को यह स्पष्ट संकेत और भरोसा देगी कि वैश्विक तनाव के बीच भी केंद्रीय बैक आर्थिक विकास का समर्थन कर रहा है। यह बात शुक्रवार को जारी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के मिनट्स में कही गई।
गवर्नर मल्होत्रा की अध्यक्षता में आरबीआई की छह सदस्यीय समिति ने 6 जून को बेंचमार्क शॉर्ट-टर्म लेंडिंग रेट (रेपो रेट) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी। इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को प्रोत्साहन देने वाली से बदलकर तटस्थ किया गया था और बाजार में नकदी बढ़ाने के उपाय भी किए गए। हाल की इस कटौती के बाद रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो चुकी है।