सिनेमा, कला और साहित्य की दुनिया में जावेद अख्तर साहब का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। इसके पीछे वजह है उनकी प्रतिभा, ज्ञान और उनका नाम। वह नाम जो उन्होंने संघर्ष के कड़े दौर से गुजर कर बनाया है। यूं तो मशहूर कवि, गीतकार और स्क्रीनराइटर जावेद अख्तर साहब का जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में मशहूर शायर रहे जांनिसार अख्तर के घर हुआ। इतनी बड़ी शख्सियत की औलाद होने के बाद भी जावेद साहब के हिस्से खूब संघर्ष आया। मुंबई में दर-दर भटके, कई रातें खुले आसमान के नीचें गुजारीं और मेहनत करते-करते आज वहां जा पहुंचे जहां उन्हें परिचय की जरूरत नहीं पड़ती। जावेद साहब अपने करियर के साथ-साथ अपने निजी जीवन के कारण भी खूब सुर्खियों में रहे हैं। शबाना आजमी के साथ उनकी मोहब्बत के किस्से तो सब जानते हैं। लेकिन, क्या आपको गीतकार की पहली मोहब्बत के बारे में मालूम है? चलिए जानते हैं
पहली मोहब्बत ने मुंबई में दिया पहला ठिकाना
आज हम आपको जावेद अख्तर की पहली मोहब्बत के बारे में बता रहे हैं। वह महिला, जिसने मायानगरी में जावेद अख्तर को रहने के लिए पहला घर दिया। मगर, किस्मत का खेल देखो एक मुकाम पर पहुंचने के बाद गीतकार उसे ही दगा दे बैठे। हालांकि, इसका उन्हें अफसोस भी खूब है। बीते वर्ष रिलीज हुई डॉक्यू सीरीज ‘एंग्री यंग मेन’ सीरीज में उस महिला का जिक्र करते हुए उनका यह दुख छलक आया और आखों में आंसू भर आए। आखिर कौन है जावेद अख्तर की जिंदगी में पहले प्यार के रूप में दाखिल हुई ये महिला?
किस्मत में लिखा था वियोग
यह महिला कोई और नहीं, बल्कि गीतकार की पहली पत्नी हनी ईरानी हैं। मुंबई में संघर्ष के दौर में जावेद अख्तर लंबे वक्त तक बेघरों की तरह रहे। बाद में उन्हें जोगेश्वरी में कमाल अमरोही के स्टूडियो में रहने के लिए जगह मिली। वे वहीं रहते। फिल्म ‘सीता और गीता’ के सेट पर उनकी पहली मुलाकात हनी ईरानी से हुई थी। पहले दोस्ती हुई और फिर पता नहीं चला कि कब एक-दूसरे के करीब आते-आते जीवनसाथी बन गए। जावेद अख्तर और हनी ईरानी के दो बच्चे-फरहान अख्तर और जोया अख्तर हैं। हनी ईरानी ने जावेद अख्तर के मुश्किल दौर खूब साथ दिया। होना तो ये चाहिए था कि ये जोड़ी हमेशा-हमेशा के लिए साथ रहती, मगर किस्मत में वियोग लिखा था। जावेद अख्तर की जिंदगी में शबाना आजमी आ गईं और हनी ईरानी कहीं बहुत दूर चली गईं।